आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि आधार का इस्तेमाल सरकार की ओर से चलाई जा रही खाद्यान्न योजना, केरोसिन वितरण और एलपीजी सब्सिडी पाने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा किसी आपराधिक मामले की जांच के लिए भी आधार को पहचान के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
इससे पहले कोर्ट की बेंच ने सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेज दिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने न्यायालय को सूचित किया कि उसके पहले के आदेशों के मद्देनजर राज्यों और संबंधित प्राधिकारियों से कह दिया गया है कि वे विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार कार्ड की अनिवार्यता पर जोर नहीं दें।
न्यायालय वेतन, भविष्य निधि के भुगतान, विवाह और संपत्ति के पंजीकरण सहित कई गतिविधियों के लिये आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के कुछ राज्यों के फैसलों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। सरकार ने यह भी कहा था कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड हैं, उनसे प्राधिकारियों को अपने आधार कार्ड मुहैया कराने को कहा गया है, लेकिन यह वैकल्पिक है।
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